Friday, October 12, 2012

सही दवाओं का चयन कैसे करें?
क्या चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवा शत प्रतिशत सही ही होती हैं? 
प्रायः हम अनुभव करते हैं कि सभी व्यक्तियों को सभी वस्तु अनुकूल नहीं होती। किसी को किसी वस्तु से एलर्जी होती है, जबकि उसी पदार्थ से अन्य व्यक्ति को ल
ाभ होता है। किसी को दूध लाभप्रद होता है, जबकि किसी अन्य को दूध का पाचन भी कठिन होता है। ऐसा क्यों? प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में उपलब्ध अवयवों की मात्रा का अनुपात एवं आवश्यकताएँ अलग-अलग क्यों होती है? कोई भी डाक्टर कितना भी अधिक अनुभवी क्यों न हों, प्रत्येक रोगी के लिए सही दवा एवं उसकी सही मात्रा का निर्धारण नहीं कर सकता। कुछ दवाइयाँ उपयोगी हो सकती हैं तो कुछ अनुपयोगी एवं अनावश्यक भी। इसी कारण दवाओं के दुष्प्रभाव पड़ते हैं।
कौन-सी दवा किसके लिये कितनी लाभप्रद अथवा हानिकारक होती है, यदि इस बात का पता चल जाये तो अनुपयोगी दवाओं के सेवन से सहज ही बचा जा सकता है जो शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये परम आवश्यक है।
तरंगें से शरीर का आभा मंडल प्रभावित होता है-
जो व्यापारी अपने व्यवसाय में हेराफेरी करते हैं, यदि उनके दुकान के बाहर कोई इन्कमटैक्स अथवा सेल्स टैक्स ऑफिसर की गाड़ी ठहरती है तो उन्हें तनाव क्यों हो जाता है? पुलिस को देखते ही अपराधी क्यों घबराने लगता है? जितना प्रेम माता को अपने बच्चे से होता है, भले ही उसका रूप कैसा ही क्यों न हो, उतना प्रेम अन्य बच्चों से क्यों नहीं होता? हमारे शरीर के चारों तरफ आभा मंडल अथवा चुम्बकीय क्षेत्र होता है। जिस पदार्थ की तरंगें उस आभा मंडल को शुद्ध बनाती है, उसे शक्तिशाली बनाती है, वे वस्तु और प्रव्रवृत्तियाँ मानव के लिए हितकारी होती है। परन्तु जिन तरंगों से आभा मंडल विकृत और कमजोर बनता है, वे पदार्थ और क्रियाएँ हमारे लिए अनुपुपयोगेगी और अकरणीय होती हैं।
सही दवा चयन की विधि - एक वजन करने वाली मशीन लें। फिर अपनी बायीं हथेली को हृदय की धड़कन वाले स्थान से स्पर्श कर, दूसरी हथेली से वजन करने वाली मशीन पर जितना ज्यादा से ज्यादा दबाव दे सकते हैं दें और अपनी ताकत को मशीन से माप लें। अब जो वस्तु अथवा दवा जिसका परीक्षण करना है उसकी पर्याप्त मात्रा को बायीं हथेली अथवा कागज में लेकर पुनः धड़कन वाले स्थान पर हलका सा स्पर्श करें। तरल पदार्थ का परीक्षण करना हो तो कांच के बर्तन में लेकर धड़कन वाले स्थान पर स्पर्श करें तथा दाहिनी हथेली को पहले की भांति वजन तोलने वाली मशीन पर अधिकतम दबाव देकर पुनः अपनी ताकत का माप करें। अगर आपकी ताकत में वृद्धि होती है तो जिस वस्तु का आप बायें हाथ में परीक्षण कर रहे हैं, वह वस्तु आपके लिये स्वास्थ्यवर्धक होती है। परन्तु इसके विपरीत यदि आपकी शक्ति पहले से कम होती है तो वह खाद्य वस्तु अथवा दवा का सेवन हानिकारक होता है। हमारा हृदय शरीर में सबसे संवदेनशील अंग होता है तथा उसकी धड़क़न बायीं हथेली में जो पदार्थ है, उनसे निकलने वाली तरंगं को मस्तिष्क में भेजने के लिए एण्टिना का कार्य करती है। मस्तिष्क तरंगों के गुणों के अनुसार प्रतिक्रिया करता है जो
पदार्थ की तरंगें पेट में जाने से पहले ही व्यक्ति की ताकत घटा दें, उन खाद्य पदार्थ और दवाइयों का सेवन निश्चित रूप से हानिकारक होता है। यह प्रयोग करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि परीक्षण करते समय दोनों स्थितियों में मशीन पर एक जैसा अधिकतम दबाव डालना चाहिए तथा शरीर की स्थिति एक जैसी ही होनी चाहिए। । अलग-अलग दबाव डाला गया अथवा शरीर की स्थिति ;च्वेजनतमद्ध को बदला गया तो इस प्रयोग के परिणाम प्रामाणिक नहीं होंगे।
दवा के सही मात्रा के चयन करने की विधि - कोई भी दवा अथवा पदार्थ कितना भी लाभप्रद क्यों न हो, उपयोगी क्यों न हों, उसका सीमित प्रयोग ही उपयोगी होता है। जैसे प्यास लगने पर पानी अच्छा लगता है। परन्तु वहीं पानी प्यास समाप्त हो जाने के बाद भी पीया जायें तो शरीर उसे स्वीकार नहीं करता है। भूखे को भोजन अच्छा लगता है, परन्तु भूख मिट जाने के पश्चात भोजन करना हानिकारक होता है। अतः यह जानना आवश्यक है कि किसी दवा अथवा खाद्य पदार्थ का कितना उपयोग किया जाये?
प्रथम बार परीक्षण करने के पश्चात जो पदार्थ अथवा दवा उपयोगी है उसकी डाक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा का सेवन करने के आधा घंटे पश्चात पूरे प्रयोग को पुनः दोहरायें। जब तक परीक्षण में ताकत बढ़ती है, तब तक उस दवा की मात्रा को थोड़ा-थोड़ा बढ़ाकर अथवा कम कर सेवन करें तथा आधा घंटे पश्चात पुनः पुनः इस प्रयोग को दोहराते रहें जब तक दवा सेवन करने के पश्चात धड़कन के पास दवा के स्पर्श से शक्ति न घटे, न बढ़े।

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